संगारेड्डी।। मेडक
के सेशन कोर्ट ने गुरुवार को एमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद
असदुद्दीन ओवैसी को ज़मानत दे दी है। इससे पहले दो बार ओवैसी की ज़मानत
याचिका खारिज कर दी गई थी।
वे अभी दंगा और सरकारी अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के सात साल पुराने मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद थे। असद को मेडक जिले के संगारेड्डी कस्बे की एक स्थानीय अदालत ने जमानत देने से इनकार करते हुए 2 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। उसके बाद असद ने अपनी याचिका मेडक के सेशन कोर्ट में डाली थी जहां से उन्हें ज़मानत दे दी गई।
कानून का सम्मान नहीं करने पर सांसद को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में लिया कि गैर जमानती वारंट लंबित रहने के बावजूद 2009 से वे कभी अदालत में हाजिर नहीं हुए। साल 2005 में दर्ज एक मामले में जारी गैर जमानती वारंट स्थगित किए जाने की गुहार के साथ ओवैसी सोमवार को अदालत में हाजिर हुए थे। अदालत ने उनकी अर्जी ठुकराते हुए उन्हें दो हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। सांसद को इसके बाद संगारेड्डी जेल भेज दिया गया था।
वे अभी दंगा और सरकारी अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के सात साल पुराने मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद थे। असद को मेडक जिले के संगारेड्डी कस्बे की एक स्थानीय अदालत ने जमानत देने से इनकार करते हुए 2 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। उसके बाद असद ने अपनी याचिका मेडक के सेशन कोर्ट में डाली थी जहां से उन्हें ज़मानत दे दी गई।
कानून का सम्मान नहीं करने पर सांसद को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में लिया कि गैर जमानती वारंट लंबित रहने के बावजूद 2009 से वे कभी अदालत में हाजिर नहीं हुए। साल 2005 में दर्ज एक मामले में जारी गैर जमानती वारंट स्थगित किए जाने की गुहार के साथ ओवैसी सोमवार को अदालत में हाजिर हुए थे। अदालत ने उनकी अर्जी ठुकराते हुए उन्हें दो हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। सांसद को इसके बाद संगारेड्डी जेल भेज दिया गया था।
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