Sunday, January 27, 2013

पौष पूर्णिमा स्नान

इलाहाबाद।। प्रयाग में चल रहे महाकुंभ में आज पौष पूर्णिमा का महास्नान चल रहा है। शनिवार रात से ही श्रद्धालु स्नान के लिए संगम तट पर उमड़ पड़े और सुबह होते ही स्नान शुरू कर दिया। आज करीब 80 लाख लोग के संगम तट पर डुबकी लगाने की उम्मीद है। सुबह 11 बजे तक करीब 28 लाख लोगों ने महास्नान कर लिया था। महाकुंभ के दौरान पौष पूर्णिमा के दिन संगम में स्नान करना काफी पुण्यदायी माना जाता है। खास बात यह है कि पौष पूर्णिमा पर शाही स्नान नहीं होता है। इसके साथ आज से ही 1 महीने का कल्पवास भी शुरू हो जाता है।
स्नान के लिए श्रद्धालु शनिवार शाम से ही संगम तट पर जुटने शुरू हो गए थे। इसमें काफी तादाद में विदेशी श्रद्धालु भी थी। भोर होते से लोगों ने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर दिया। महाकुंभ में एक महीने के कल्पवास के लिए आए दस लाख कल्पवासी भी महास्नान कर रहे हैं। महास्नान के लिए सुरक्षा के जबर्दस्त बंदोबस्त किए गए हैं। करीब 13 हजार सुरक्षाकर्मियों को संगम तट के आसपास व्यवस्था संभालने का जिम्मा सौंपा गया है।
महाकुंभ मेले के एसएसपी आरकेएस राठौर ने बताया कि चप्पे-चप्पे पर तैनात करीब तीस हजार सुरक्षाकर्मी हर आने जाने वाले पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। आयोजन स्थल में पुलिस बलों को सादे कपड़े में भी तैनात किया गया है। राठौर ने बताया कि सभी घाटों पर जल पुलिस के जवान लगाए गए हैं, जिससे कि स्नान के वक्त कोई श्रद्घालु न डूबे। मकर संक्रांति के मौके पर पहले शाही स्नान अवसर पर करीब एक करोड़ श्रद्घालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। 14 जनवरी को शुरू हुए 55 दिवसीय महाकुंभ मेला दस फरवरी को खत्म होगा।

क्यों खास है पौष पूर्णिमा का स्नानः पौष माह की पूर्णिमा के स्नान का बड़ा महत्व हैं। यह पौष माह का आखिरी दिन है और इस दिन के स्नान के साथ एक महीने तक चलने वाला माघ स्नान प्रारंभ हो जाता है। इस दिन देश भर में श्रद्धालु देश भर में गंगा और यमुना में स्नान करने जाते हैं और सूर्य को जल चढ़ाते हैं। शिव मंदिर में स्थित शिवलिंग पर भी जल चढ़ाकर साधना की जाती है। धर्म स्थलों पर रामायण, भगवद् गीता जैसे धर्म शास्त्रों का पठन-पाठन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।

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