Thursday, January 24, 2013

शिंदे की बर्खास्तगी तक आंदोलन जारी रहेगाः बीजेपी


नई दिल्ली।। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के 'भगवा आतंकवाद' वाले बयान के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुरुवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों की अगुआई करते हुए विपक्ष की नेता और बीजेपी की सीनियर लीडर सुषमा स्वराज ने शिंदे के भगवा आतंकवाद वाले बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि शिंदे के इस बयान ने देश का नुकसान किया है। उन्होंने कहा कि भगवा बलिदान का प्रतीक है। किसी को भगवा का रंग देखना है, तो कुंभ में देखे। बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर सोनिया गांधी से जवाब देने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर शिंदे को बर्खास्त नहीं किया जाता, तो बीजेपी संसद से सड़क तक ऐसा माहौल बनाएगी कि सोनिया को उन्हें हटाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। विरोध प्रदर्शनों का यह सिलसिला दूसरे राज्यों में भी चला। चंडीगढ़ में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शिंदे का पुतला जलाया। चंडीगढ़ में विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने पानी की तेज बौछारें छोड़ीं। इससे पहले दिल्ली में सुबह बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता सुषमा स्वराज की अगुआई में विरोध-प्रदर्शन करते हुए जंतर-मंतर पर जमा हुए। इनमें बीजेपी के महासचिव अनंत कुमार, विजय कुमार मल्होत्रा आदि शामिल थे। कुछ देर बाद बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी वहां पहुंच गए।

सोनिया गांधी जवाब दें: राजनाथ- बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में सीधे-सीधे सोनिया गांधी को निशाने पर लिया। उन्होंने सोनिया गांधी से से सवाल किया कि वह शिंदे के बयान पर खमोश क्यों रहीं? उन्होंने कहा कि अगर शिंदे को बर्खास्त करने का निर्देश नहीं दिया गया, तो संसद के दोनों सदनों में ऐसे हालात पैदा करेंगे कि सोनिया और मनमोहन शिंदे को हटाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रतीकात्मक आंदोलन नहीं है। इसे हम लॉजिकल ऐंड तक ले जाएंगे। इसके बाद जंतर-मंतर पर शिंदे का पुतला फूंका गया।

भगवा और आतंकवाद एक नहीं: सुषमा- सुषमा ने अपने भाषण में भगवा आतंकवाद के शिंदे के बयान का विरोध करते हुए गृह मंत्रालय से माफी मांगने के लिए कहा। जंतर-मंतर पर सख्त लहजे में अपने भाषण में सुषमा स्वराज ने कहा कि भगवा और आतंकवाद एक नहीं है। भगवा बलिदान का प्रतीक है और ऐसा कहकर बलिदान परंपरा का अपमान किया गया है। शिंदे के बयान को राष्ट्र अपमान बताते हुए उन्होंने कहा- 'अगर किसी को भगवा का रंग देखना है तो कुंभ चला जाए, जहां हर तरफ सिर्फ भगवा ही नज़र आएगा।' शिंदे के बयान पर सुषमा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री, गृह मंत्रालय से माफी मांगने और शिंदे को बर्खास्त किए जाने की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक राष्ट्र अपमान की इस बात के लिए देश से माफी नहीं मांगी जाती तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा।

बीजेपी नेता भी मांगें माफीः दिग्विजयः उधर, दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के इस विरोध प्रदर्शनों पर कहा कि बीजेपी एक दलित को गृह मंत्री के तौर पर बर्दाश्त नहीं कर पा रही है, इसीलिए वह उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी सुशील कुमार शिंदे से माफी मांगने को कहती है तो, राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती को प्रज्ञा सिंह से मिलने और उसकी पैरवी करने के लिए भी माफी मांगनी चाहिए।

बीजेपी सड़कों पर, कोर्ट में भी
बीजेपी शिंदे के खिलाफ आज देश भर में सड़कों पर तो है ही, शिंदे के बयान के खिलाफ अदालतों में जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। दिल्ली और जयपुर की अदालत में केस डाले जा चुके हैं। और भी कई स्थानों पर केस दायर करने की तैयारी हो रही है।

संसद सत्र का इंतजार
संसद के आगामी सत्र में शिंदे और सरकार पर करारे वार किए जा सकते हैं। और दलों का सहयोग जुटाने की भी कोशिश है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शिंदे के बयान की कड़ी आलोचना की है। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव तक ने भी बयान को पसंद नहीं किया है। कुछ और बयान भी सामने आ सकते हैं, लेकिन सरकार और कांग्रेस फिलहाल तो शिंदे के साथ खड़े लग रहे हैं।

शिंदे के खिलाफ मानहानि का मामला उधर, शिंदे के बीजेपी और आरएसएस को हिंदू आतंकवाद से जोड़ने वाले बयान के लिए उनके खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली निवासी वीपी कुमार ने अपने वकील मोनिका अरोड़ा के माध्यम से दायर याचिका में कहा कि गृह मंत्री ने समुदायों के बीच नफरत और दुर्भावना फैलाने के मकसद से 'अपमानजनक' बयान दिया।

गौरतलब है कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में आरोप लगाया था कि बीजेपी और आरएसएस के कैंपों में आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जा रही है। बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया था। बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी बुधवार को अपने पहले भाषण में शिंदे के इस बयान पर 'हल्ला बोलते' हुए गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के जरिए जवाब देने की हुंकार भरी थी।

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