
राहुल ने क्या कहा ...
'कांग्रेस उपाध्यक्ष बनने के बाद आज सुबह मैं चार बजे उठा। मैं बालकनी में गया। मैं सोच रहा था कि मेरे आगे बड़ी जिम्मेदारी है। लोग मुझे देख रहे हैं। अंधेरा था और ठंड थी। उस समय कई बातें मेरे मन में आईं। इनमें से कुछ मैं आपके साथ शेयर करूंगा।
मैं जब बच्चा था तो मुझे बैडमिंटन बहुत पसंद था। यह खेल इस जटिल दुनिया में मुझे बैलेंस देता था। मैं अपनी दादी के घर में दो सुरक्षाकर्मियों के साथ बैडमिंटन खेलता था। वे मेरे दोस्त हो गए थे। एक दिन उन्होंने मेरी दादी को मार दिया और मेरे जीवन का बैलेंस छीन लिया।
मेरे पिता उस समय बंगाल में थे। वह सीधे दिल्ली पहुंचे। हॉस्पिटल में मैंने पिताजी को पहली बार रोते हुए देखा। पिताजी टूट गए थे। उन दिनों देश आज की तरह नहीं था। देश की हालत ठीक नहीं थी। कोई भी देश हमारे बारे में सीरियसली नहीं सोचता था। उस अंधेरी रात में उन्होंने कुछ बातें तय की थीं।दूसरे दिन मैंने ही नहीं पूरे देश ने उसे महसूस किया।
उस चोटी से उम्मीद की किरण ने भारत को बदला दिया। बिना उम्मीद के आप कुछ नहीं पा सकते है। आप बदल नहीं सकते।
मैं अब पावर की बात करना चाहता हू्। कल रात आप सबने मुझे बधाई दी। मुझे हर किसी ने बधाई दी। कल रात मेरी मां भी मेरे कमरे में आईं। वह रो रही थीं। वह क्यों रोई? उन्होंने मुझसे कहा कि पावर जहर की तरह है। उन्हें पता है कि उनके नजदीक के कई लोगों का इसने क्या हश्र किया है। वह अब तक इससे अछूती रही हैं। मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं कि हमें इस पावर का इस्तेमाल लोगों को सशक्तिकरण के लिए करना चाहइ। इसलिए अगर आप पावरफुल होते हैं तो उन्हें बहुत संभलकर रहने की जरूरत है।
मैं हर किसी की बात सुनूंगा...आपने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस पार्टी कहलाती है, लेकिन सचमुच में यह परिवार है। यह दुनिया का सबसे बड़ा परिवार है। इसमें हिंदुस्तान के सभी लोग शामिल हैं। आज बड़े बदलाव की जरूरत है। लेकिन यह सोच-समझ करना होगा। सबकी आवाज को समझकर करना होगा। आपको लगना नहीं चाहिए कि राहल गांधी सिर्फ युवाओं की बात करता है। राहुल गांधी का परिवार सबके साथ है। आज से राहुल गांधी सबके लिए काम करेगा। मैं वायदा करता हूं कि मैं आप सबको एक ही आंख से, एक ही तरीके से देखूंगा। चाहे वह बुजुर्ग हो, महिला हो, अनुभवहीन हो... मैं उसे सुनूंगा और समझने की कोशिश करूंगा।
बड़ा मजेदार संगठन है कांग्रेस...कांग्रेस दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। लेकिन इसमें नियम और कानून नहीं चलते हैं। हम हर दो मिनट में नए नियम बनाते हैं। यहां शायद किसी को नहीं पता कांग्रेस के नियम क्या हैं? बड़ा मजेदार संगठन है। मैं कभी-कभी पूछता हूं कि यह संगठन चुनाव कैसे जीतता है? बाकी पार्टियों को खत्म कैसे कर देता है? शीला दीक्षित जी कह रही थीं की चुनाव से पहले सब खड़े हो जाते हैं। गांधी जी का संगठन है, इसलिए इसमें हिंदुस्तान का डीएनए है। विपक्ष यह समझ नहीं पाता है।
40-50 ऐसे नेता चाहिए जो...हम लीडरशिप डिवलेपमेंट पर फोकस नहीं करते। हमें ऐसे चालीस पचास नेता तैयार करने हैं, जो देश और प्रदेश को चला सकें। हर प्रदेश में 5 से 10 ऐसे नेता हों जो सीएम बन सकें। हर जिले में यह बात हो। जब भी कोई पूछे कि कांग्रेस क्या करती है तो, जवाब मिलना चाहिए कि भविष्य के लिए सेकुलर नेता तैयार करती है। जमीन से जुड़े नेता तैयार करती है। ऐसे नेता तैयार करती हैं, जिसे देखकर हिंदुस्तान के लोग उसके पीछ खड़े होने के लिए तैयार हो जाएं। इसके लिए संगठन की जरूरत हैं। इस सिस्टम बन सकता है, जिसे आप बनाएंगे और चलाएंगे।
टिकट बांटने का ढंग बदलेंगे..टिकट बंटवारे के समय संगठन से नहीं पूछा जाता। ऊपर से फैसला ले लिया जाता है। चुनाव से पहले दूसरे दल के लोग आ जाते हैं। चुनाव हार जाते हैं और फिर चले जाते हैं। हमारा वर्कर देखता है पैराशूट से नेता आया और चला गया। इसे बदलना है। कांग्रेस वर्कर की इज्जत होनी चाहिए। वर्कर ही नहीं अच्छे नेताओं की इज्जत होनी चाहिए। उसे आगे बढ़ाना चाहिए। कभी-कभी हमारे ही लोग हमारे खिलाफ खड़े हो जाते हैं। उनके खिलाफ ऐक्शन लेने की जरूरत है। जिस दिन हमने यह काम कर दिया, हमारे सामने कोई नहीं टिक पाएगा।
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