Sunday, January 27, 2013

फिर विवादों में आए पद्म सम्मान


नई दिल्ली। पद्म सम्मान एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। केरल की पा‌र्श्व गायिका एस. जानकी की ओर से सम्मान देने में देरी और उत्तर भारतीयों को तरजीह देने के आरोप लगाकर सम्मान ठुकराने के बाद भारत को लगातार दो ओलंपिक में व्यक्तिगत पदक दिलाने वाले पहलवान सुशील कुमार ने भी पद्मभूषण सम्मान नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है। साइना ने भी इस पर नाखुशी जताई है। फिल्मी दुनिया में भी पुरस्कार देर से देने पर नाराजगी है। वहीं, केरल के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री केसी जोसेफ ने अवॉर्ड को लेकर विवाद खड़ा करने को गैरजरूरी बताया।
खुद खेल मंत्रालय ने 2011 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे गए सुशील के नाम की सिफारिश की थी। नियमों के मुताबिक किसी व्यक्ति को दो पद्म सम्मान देने के बीच पांच साल का अंतराल होना चाहिए, लेकिन विशेष मामलों में इस नियम में बदलाव किया जा सकता है। सुशील ने शटलर साइना नेहवाल और शूटर गगन नारंग को पद्म सम्मान नहीं दिए जाने पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी ऐसे सम्मान और पहचान के लिए साल भर कड़ी मेहनत करता है। सुशील के कोच सतपाल भी उनके शिष्य को सम्मान नहीं देने से खफा हैं।
विभिन्न भाषाओं में 20 हजार से ज्यादा गाने गा चुकीं पा‌र्श्वगायिका एस. जानकी ने शुक्रवार देर रात यह कहते हुए पद्म सम्मान ठुकरा दिया था कि इसमें उत्तर भारतीयों को तरजीह दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह वह सिर्फ अपने लिए नहीं कह रहीं, बल्कि दक्षिण भारत में बहुत से प्रतिभावान लोग हैं। वहीं, शनिवार को उन्होंने सम्मान ठुकराने का कारण देरी बताया।
फिल्म निर्देशक आर. बाल्की ने कहा कि श्रीदेवी को सम्मान से अवॉर्ड की गरिमा बढ़ी है। नाना पाटेकर ने बिना जाहिर किए समाज को बहुत कुछ दिया है। वह एक किसान और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वह उन लोगों में नहीं हैं, जो पहले प्रेस को बुलाते हैं, फिर सामाजिक कार्य करते हैं। राजेश खन्ना को सम्मानित किया जाना अच्छा है, लेकिन देरी से किया जाना ठीक नहीं रहा। उन्हें ऐसे समय सम्मानित क्यों नहीं किया गया, जब वह खुद सम्मान लेने पहुंच सकते थे। तेलुगु निर्देशक सत्तीराजू लक्ष्मीनारायण के भाई सत्तीराजू शंकरनारायण ने भाई को सम्मान पर खुशी तो जताई, लेकिन कहा कि इसमें देरी हुई है।

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