Sunday, January 27, 2013
रेप की शिकार छात्रा को स्कूल से निकाला
नई दिल्ली । दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद भी राजधानी की पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का संवेदनहीन रवैया खत्म नहीं हुआ है। एक युवक ने सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा से कई बार रेप किया, लेकिन कई चक्कर लगाने के बाद भी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। बाद में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ। इस बीच, छात्रा को स्कूल से भी निकाल दिया गया। दिल्ली सरकार के इस स्कूल ने छात्रा का नाम काटने के बाद उसके स्कूल में घुसने पर रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग के उपनिदेशक आरएन शर्मा इस कार्रवाई की सफाई में कहते हैं कि स्कूल में अन्य छात्राएं भी पढ़ती हैं उनका भी ख्याल रखना होगा। वहीं इस पूरे मामले की जानकारी मिलने पर शिक्षा निदेशक ने जांच के आदेश दे दिए हैं। दैनिक जागरण द्वारा घटना को संज्ञान में लाने के बाद शिक्षा मंत्री डॉ. किरण वालिया ने कहा है कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।
शास्त्री पार्क के सर्वोदय विद्यालय में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली पीड़ित 15 वर्षीय किशोरी परिजनों के साथ शास्त्री पार्क में रहती है। किशोरी का कहना है कि करीब छह माह पहले उसके मुहल्ले में रहने वाली गुड्डो नामक महिला उसे घर में छत पर ले गई थी। जहां नाजिम व रहीस रहते हैं। यहां पर हेयर कटिंग की दुकान चलाने वाले शानू ने उसके साथ रेप किया। इस बारे में किसी को बताने पर सभी ने उसे व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद कई बार धमकी देकर उसके साथ रेप किया गया। छात्रा की मां व पिता का कहना है कि करीब ढाई महीने पहले छात्रा की तबीयत खराब होने पर अस्पताल जाने पर पता चला कि छात्रा गर्भवती है। फिर छात्रा ने आपबीती बताई। जब वह इसकी शिकायत करने थाने जाने लगे तब उन्हें धमकी मिलने लगी। उनका आरोप है कि रहीस के रिश्तेदार रिजवान व एहसान ने उन पर चाकू तान दिया और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने उनकी बड़ी लड़की को कमरे में बंद कर दिया और छोटी बेटी का कड़कड़डूमा के पास एक अस्पताल में जबरन गर्भपात करा दिया। पूरे परिवार को लगातार धमकी मिल रही थी कि वह इस कॉलोनी को छोड़कर चले जाएं। इस बीच, रहीस ने उनकी बड़ी बेटी के साथ छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी। जिससे उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने 100 नंबर पर पुलिस से शिकायत कर दोनों बेटियों के साथ हुई वारदात को पुलिस से बताया। लेकिन पुलिस ने उन्हें चुप करा दिया। अंत में उन्होंने कड़कड़डूमा अदालत में फैक्स भेज कर शिकायत की। तब अदालत के हस्तक्षेप से बृहस्पतिवार को सीलमपुर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया।
शारीरिक व मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुकी छात्रा में अब भी पढ़ने का जज्बा बरकरार है। लेकिन वह घर बैठी है। दरअसल गर्भपात के समय उसे पांच छह दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा जिससे करीब 10 दिन तक स्कूल नहीं गई। जब वह स्कूल गई तब उसे यह कह कर लौटा दिया गया कि उसका नाम कट गया है। छात्रा के माता-पिता ने कक्षा अध्यापक व स्कूल प्रधानाचार्य से गुहार लगाई। लेकिन उनकी एक न सुनी गई। छात्रा के पिता का कहना है कि उन्हें धमकी देने वाला रिजवान स्कूल की कमेटी में है और उसी ने दबाव डालकर उनकी बेटी का नाम स्कूल से कटवा दिया है।
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