Wednesday, January 23, 2013

दिन में चलाता है रिक्शा, शाम को देता है शिक्षा


कपूरथला, [प्रभुदत्त]। कपूरथला शहर के धोबीघाट के समीप झोपड़ी में रहने वाले मुकेश कुमार में वही जज्बा है, जो एक सच्चे नागरिक में होता है। महज 28 साल की उम्र के मुकेश कुमार दिन में रिक्शा चलाते हैं और शाम को चार बजे से लेकर छह बजे तक झोपड़-पट्टी के गरीब व जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा देते हैं।
मूल रूप से बिहार के सहरसा के निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता भुवनेश्वर प्रसाद राय कपूरथला में टेलर का काम करते थे। पिता ने मुकेश को बचपन में ही कपूरथला बुला लिया था। तब मुकेश की उम्र मात्र दस साल की थी और अब वह एक पुत्र के पिता भी हैं। शिक्षा की बात करें तो मुकेश कुमार सिर्फ कक्षा आठवीं पास हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से मुकेश आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए, लेकिन उनके मन में यह सोच जरूर है कि उनके झोपड़-पट्टी में रहने वाले गरीब बच्चों को कम से कम हिंदी पढने व हिसाब-किताब की जानकारी हो जाए। मुकेश ने बताया कि वह रोज डेढ़ से दौ सौ रुपये कमाते हैं। अपने रुपये से बच्चों को कापी, किताबें, पेंसिल लाकर देते हैं। इसके अलावा हिंदू पुत्री पाठशाला में कुछ टीचर उसके परिचित हैं, उन लोगों से भी किताबें मांग लाते हैं और बच्चों को दे देते हैं।

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