वॉशिंगटन।। अपने
दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा
ने जो भाषण दिया, उसने काफी लोगों को प्रभावित किया। ओबामा ने पहली बार
समलैंगिक लोगों के अधिकारों की भी बात की। लेकिन 11 साल की सेडी को उनके इस
भाषण पर थोड़ी आपत्ति है। सेडी एक ट्रांसजेंडर हैं और उन्हें लगा कि ओबामा
ने समलैंगिकों की बात की तो ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों की बात क्यों
नहीं की।
अपनी पहचान को लेकर बेहद जागरूक सेडी ने इस बारे में एक लेख लिखा। उसकी मां ने इस लेख को फेसबुक पर डाल दिया। वहां से लोगों ने इसे देखा और आज यह पूरी दुनिया में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फैल चुका है।
सेडी को 5 साल की उम्र में ही पता चल गया था कि वह ट्रांसजेंडर यानी लड़की के शरीर में एक लड़का हैं। वह अपने अधिकारों को लेकर इतनी सचेत हैं कि उन्होंने अपने लेख में ओबामा को बताया है कि अमेरिका में एक ट्रांसजेंडर होना कितना मुश्किल है। सेडी लिखती हैं, 'अगर दुनिया में हर इन्सान को वैसा होने की आजादी हो, जैसा वह है, तो यह रहने के लिए एक बेहतर जगह होगी। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिनकी लैंगिक पहचान रचनात्मक है।'
सेडी ने अपने लेख में बताया है कि उन जैसे बच्चों को बहुत सारे स्कूलों में इसलिए दाखिला नहीं मिलता क्योंकि टीचर उन्हें औरों से अलग समझते हैं। वह लिखती हैं, 'कितना अच्छा हो अगर लोगों को पता है कि ट्रांसजेंडर लोगों के सपने और उम्मीदें वैसे ही हैं जैसे दूसरों के। हमें भी दोस्त बनाना अच्छा लगता है।'
अपनी पहचान को लेकर बेहद जागरूक सेडी ने इस बारे में एक लेख लिखा। उसकी मां ने इस लेख को फेसबुक पर डाल दिया। वहां से लोगों ने इसे देखा और आज यह पूरी दुनिया में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फैल चुका है।
सेडी को 5 साल की उम्र में ही पता चल गया था कि वह ट्रांसजेंडर यानी लड़की के शरीर में एक लड़का हैं। वह अपने अधिकारों को लेकर इतनी सचेत हैं कि उन्होंने अपने लेख में ओबामा को बताया है कि अमेरिका में एक ट्रांसजेंडर होना कितना मुश्किल है। सेडी लिखती हैं, 'अगर दुनिया में हर इन्सान को वैसा होने की आजादी हो, जैसा वह है, तो यह रहने के लिए एक बेहतर जगह होगी। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिनकी लैंगिक पहचान रचनात्मक है।'
सेडी ने अपने लेख में बताया है कि उन जैसे बच्चों को बहुत सारे स्कूलों में इसलिए दाखिला नहीं मिलता क्योंकि टीचर उन्हें औरों से अलग समझते हैं। वह लिखती हैं, 'कितना अच्छा हो अगर लोगों को पता है कि ट्रांसजेंडर लोगों के सपने और उम्मीदें वैसे ही हैं जैसे दूसरों के। हमें भी दोस्त बनाना अच्छा लगता है।'
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