Thursday, January 24, 2013

कुंभ में आए हैं कई हाइटेक बाबा!


इलाहाबाद। कुंभ नगरी इलाहाबाद में पूजा-पाठ के सुवासित माहौल के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से आए हाईटेक बाबाओं का भी मेला लगा है। कंप्यूटर बाबा, गोल्ड बाबा, टैबलेट वाले बाबा, एक हाथ बाबा यहां तक कि कुत्ते वाले बाबा जैसे न जाने कितने ही भगवा वस्त्र वाले बाबाओं पर आंखें ठहर जाती हैं।
कुंभ मेले में अजब-गजब नजारा दिखना आम बात है। मकर संक्रांति से यहां जमघट लगाए साधुओं में कोई एक पैर पर खड़ा है, तो किसी ने अपना हाथ उठा रखा है किसी की अंगुलियां लैपटॉप पर इतनी तेजी से दौड़ रही हैं कि देखने वाले दांतों तले अंगुली दबाए रह जाएं।
उन्हीं में से एक हैं गोल्ड बाबा। एक तरफ जहां लोग भीड़ भाड़ वाली जगह में कीमती गहने पहनने से परहेज करते हैं वहीं सुधीर कुमार उर्फ बिट्टू जी महाराज उर्फ गोल्ड बाबा शरीर पर लगभग डेढ़ करोड़ के गहने पहन इस मेले में आए हैं। दिल्ली के गांधीनगर निवासी गोल्ड बाबा के साथ सुरक्षा के लिहाज से हमेशा सिक्योरिटी गार्ड रहते हैं। पंच दशनाम जूना अखाड़ा से जुड़े हरिहर आश्रम में ठहरे गोल्ड बाबा खुद को श्री महंत मछन्दर पुरी जी महाराज और महंत भरत पुरी का शिष्य बताते हैं। गले में कई देवताओं के स्वर्ण जड़ित लॉकेट और हीर की घड़ी धारण किए पहने 45 वर्षीय गोल्ड बाबा बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही सोने के जेवरात का शौक रहा है। करीब 20 साल से वह भारी मात्रा में गहने और सोने-हीरे से बनी घड़ी पहनने लगे।
गोल्ड बाबा का कहना है कि उन्होंने चार किलो से भी ज्यादा सोने के आभूषण धारण किए हैं। बाबा रामदेव ने भी उन्हें श्री यंत्र लॉकेट युक्त हार भेंट किया था। रात में सोते वक्त ही वह आभूषण उतारते हैं। सुबह स्नान के बाद इन आभूषणों की पूजा करते हैं। तब उन्हें शरीर पर धारण करते हैं।
गोल्ड बाबा के अनुसार उनके पास मर्सिडीज बेंज समेत चार महंगी गाड़ियां हैं। उनका दिल्ली में रेडीमेड कपड़ों का कारोबार है। हालांकि उन्होंने ने यह भी कहा कि वो सन्यासी नहीं हैं।
इनके अलावा कुंभ में इंदौर के दिगंबर अखाड़े के स्वामी नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा भी लोगों के अचरज का केंद्र बने हैं। उनका कहना है कि उनके पास कंप्यूटर जैसा दिमाग और मजबूर स्मृति शक्ति है, इसलिए हरी उनके भक्तों ने उन्हें यह नाम दिया है। तमाम आधुनिक गैजेट लैपटॉप, वाइफाई डोंगल और चौपड से लैस कंप्यूटर बाबा बाबाजी ने अपनी डिमांड से मेला प्रशासन की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। उनका पहला शाही स्नान छूट गया था पर इस बार वो भीड़ से बचने के लिए सीधा हेलीकॉप्टर से संगम में डुबकी लगाने की चाह रखते हैं। उनका मानना है कि जब दूसरे साधु हाथी और घोड़े से आ सकते हैं तो वह हेलीकॉप्टर से क्यूं नहीं। कमाल की बात कि कंप्यूटर बाबा की अंबेस्डर कार गहरे नारंगी रंग की है साथ ही उसपर टार्जन भी लिखा है।

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