Thursday, January 24, 2013

जब बनाना हो रेज़्युमे...

रेज़्युमे तैयार कर लिया। पर मन में उलझन है। पता नहीं सही ढंग से तैयार हुआ है या नहीं। रिक्रूटर रेज़्युमे को देखते ही फेंक तो नहीं देगा। अगर ऐसी ही बातें आपके मन में भी उठ रही हैं, समाधान यहीं पर है। अक्सर तमाम लोगों को यह प्रॉब्लम रहती है कि वे अपने रेज़्युमे में क्या जानकारियां दें और क्या नहीं। जाहिर है, वे कोई जरूरी इंफर्मेशन छोड़ना भी नहीं चाहते और कोई फालतू इंफर्मेशन देना भी नहीं चाहते। आइए हम आपको बताते हैं कि आपको रेज़्युमे में कौन सी जानकारियां शेयर करनी चाहिए और कौन सी नहीं।

आपका पता
तमाम लोग रेज़्युमे में घर के अड्रेस जैसी अपनी प्राइवेट इंफर्मेशन शेयर करने को लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं। लेकिन अगर एक्सपर्ट्स की मानें तो रेज़्युमे में घर का अड्रेस नहीं लिखना आपके लिए ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, घर का अड्रेस रेज़्युमे का जरूरी पार्ट है। अगर आप नहीं लिखेंगे तो इंटरव्यूअर का आपसे सीधा सा सवाल यही होगा कि घर का अड्रेस क्यों नहीं लिखा? या फिर वे इसका मतलब यह भी लगा सकते हैं कि आप उनसे अपने घर का अड्रेस छिपा रहे हैं।

रेफरेंस इंफर्मेशन

इसको लेकर कैंडिडेट्स के बीच काफी कंफ्यूजन रहता है कि उसे रेज़्युमे में शेयर किया जाए या नहीं। जाहिर है, रेफरेंस इंफर्मेशन आपके रेज़्युमे का जरूरी हिस्सा है। इससे एंप्लॉयर को आपके बारे में सही फीडबैक हासिल करने में मदद मिलती है। लेकिन रेफरेंस इंफर्मेशन देने से पहले आपको उस इंसान से जरूर बात कर लेनी चाहिए, जिसका आप रेफरेंस दे रहे हैं और अगर आप नहीं चाहते कि आपको नई जॉब के लिए अप्लाई करने की इंफर्मेशन आउट हो, तो आपको रेफरेंस नहीं देने चाहिए।

ऑब्जेक्टिव
यह रेज़्युमे में सबसे टॉप पर नजर आता था। पर अब यह एक दशक पहले की बात हो गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑब्जेक्टिव लिखकर आपको अपना कीमती स्पेस बर्बाद नहीं करना चाहिए। जाहिर है, रेज़्युमे भेजने का आपका सबसे पहला ऑब्जेक्टिव जॉब हासिल करना ही है और यह एंप्लॉयर को बखूबी पता है। कई इंटरव्यूअर्स तो यह भी कहते हैं कि जब कैंडिडेट का ऑब्जेक्टिव ही कुछ और है तो फिर वह जॉब के लिए अप्लाई ही क्यों कर रहा है।

फोटो
अगर आप किसी मॉडल की पोस्ट के लिए एप्लाई कर रहे हैं तो आपको अपने रेज़्युमे पर अपना फोटो लगाना जरूरी हे। लेकिन अगर ऐसा नहीं है, तो आपको रेज़्युमे पर फोटो लगाने की कोई जरूरत नहीं है। जब आप रेज़्युमे में फालतू जानकारियां देना पसंद नहीं करते, तो फिर भला फोटो लगाने की क्या जरूरत है। बेशक, एंप्लॉयर जॉब सिर्फ आपकी क्वॉलिफिकेशन के बेस पर ही देगा, ना कि आपके चेहरे-मोहरे को देखकर। इसलिए ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे एंप्लॉयर कंफ्यूज हो जाए।

क्विक रेस्पॉन्स कोड
आज-कल स्मार्टफोन से स्कैन किए जाने वाले क्विक रेस्पॉन्स कोड खूब ट्रेंड में है। तमाम कैंडिडेट इनसे अपना पोर्टफोलियो या फिर लिंक्डइन प्रोफाइल अटैच करके इन्हें रेज़्युमे में मेंशन कर देते हैं। लेकिन जानकारों का मानना है कि अगर आप सोशल मीडिया से जुड़ी या फिर टेक्नॉलजी बेस्ड पोस्ट के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो क्विक रेस्पॉन्स कोड डालना ठीक है। पर अगर आप किसी ट्रडिशनल पोस्ट के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो ऐसा न करें। और अगर क्यूआर कोड डालना ही है तो रेज़्युमे की कॉपी की बजाय कुछ इंट्रेस्टिंग डालें। 

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